#Badlapur| जब प्राणप्रिया की याद सताई तो बलम पैदल ही निकल पड़े गांव,
महराजगंज/जौनपुर : प्राणप्रिये की याद ऐसी सताई कि युवक लाक डाउन में पैदल ही निकल पड़ा अपने गांव।जीवटता,आत्मविश्वास,साहस और जोरु से मिलने की चाहत में लिफ्ट लेते 20 दिन बाद गांव पहुंचा तो क्वॉरेंटाइन कर दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार महराजगंज थाना क्षेत्र के बाहर पट्टी निवासी शशिकांत पटेल अपने माता-पिता के साथ महाराष्ट्र भिवंडी में लूम चलाता था। 22 मार्च को लाक डाउन होने पर लूम बंद हो गया। हालांकि वह भिवंडी में अपने माता पिता के साथ था।
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लेकिन उसकी पत्नी बड़े भाई वह भाभी के साथ गांव में रहती थी।ऐसे में शशिकांत को जब अपने अर्धांगिनी की याद सताई तो फिर पैदल ही भिवंडी से घर के लिए निकल पड़ा।
सड़क मार्ग से आते समय जगह-जगह ट्रकों के सहारे कुछ दूरी तय किया।लेकिन फिर भी अधिकांश दूरी पैदल ही तय करनी पड़ी। हालांकि वह आपने साथ नाश्ता लेकर घर से चला था।लेकिन रास्ते में सब कुछ खत्म हो गया।कई दिन तो भूखे भी काटने पड़े।
21 दिन बाद जब वह किसी प्रकार घर पहुंचा तो ग्राम प्रधान जनार्दन सिंह उसे गांव के प्राथमिक विद्यालय में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर ले गए।
जहां वह अभी भी 14 दिन का बनवास पूरा होने की प्रतीक्षा कर रहा है। गांव में पहुंचने की खुशी उसके चेहरे पर स्पष्ट देखी जा सकती हैं।लेकिन इसके साथ ही घर न पहुंचने की निराशा भी चेहरे पर स्पष्ट है।वह बेसब्री से अपनी क्वॉरेंटाइन अर्थात बनवास की अवधि पूरी होने की प्रतीक्षा कर रहा है।