सुल्तानपुर के रहने वाले थे संत सुशील गिरि, 16 साल की उम्र में छोड़ा था घर
महाराष्ट्र के पालघर में तीन लोगों पीट-पीटकर मारने की दिल दहला देने वाली घटना में एक साधु उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले थे। भीड़ के हमले में मारे गए सन्त सुशील गिरि सुलतानपुर जनपद के चांदा थानाक्षेत्र के प्रतापपुर कमैचा के निवासी थे। मौत की सूचना पर उनके घर पर मातम छाया हुआ है । परिजनों में शोक की लहर है। संत सुशील गिरि का बचपन का नाम शिवनारायण उर्फ रिंकू दुबे था। घर वालों के मुताबिक 16 वर्ष की आयु में ही संतों का सान्निध्य प्राप्त कर उन्होंने घर छोड़ दिया था।
गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे साधु-
रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को (16 अप्रैल 2020) को महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में दो साधुओं समेत तीन लोगों की लाठी, डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। साधु एक कार में ड्राइवर के साथ गुजरात के सूरत जिले में जा रहे थे। बताया जा रहा है कि यहां उनके गुरु रहते थे जिनका निधन हो गया था। वे अपने गुरु के अंतिम संस्कार में भाग लेने जा रहे थे।
खबरों व विज्ञापन के लिए संपर्क करें :-7800292090
इसी दौरान, पालघर जिले में पुलिस ने लॉकडाउन होने के कारण उन्हें हाईवे से जाने से रोक दिया। इसके बाद साधुओं के पास के गांव की ओर रुख किया जिससे कि वे बाहरी रास्ते से निकल जाएं। जैसे ही वे गांव पहुंचे तभी गांव में किसी ने अफवाह फैला दी कि गांव में बदमाश/चोर आए हैं। इसके बाद 100 ज्यादा लोगों की भीड़ ने उन्हें कार से खींचकर बेरहमी से पीट-पीट कर बुजुर्ग साधुओं और ड्राइवर को मार डाला।

पुलिस बनी रही तमाशबीन !
पालघर लिंचिंग को लेकर सोमवार को एक और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें दिख रहा है कि घटना के वक्त पुलिस के भी कुछ जवान मौके पर मौजूद थे। एक वीडियो में दिख रहा है पुलिस चौकी से पुलिस के सामने ही भीड़ साधुओं को बाहर खींचकर लाती है और उन्मादी भीड़ घोर निर्ममता के साथ साधु को पीटकर मार डालती है। लेकिन पुलिस तमाशा देखने के सिवाय उन्हें बचाने का कोई प्रयत्न नहीं करती।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा कुछ भी सांप्रदायिक नहीं-
देशमुख ने ट्वीट किया, ” सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 110 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।”
देशमुख ने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं। देशमुख ने कहा, ” पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।”
उल्लेखनीय है कि भारी राजनीति दबाव और संत समाज के आक्रोश के बाद मामले में दो पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है। मालले में 9 नाबालिगों समेत 110 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।