#Jaunpur | यूपी सरकार ने पंचायत चुनाव का फूका बिगुल, जल्द ही जारी होगे चुनावों के डेट,
उत्तर प्रदेश में 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो रहा लॉकडाउन के चलते पंचायत चुनाव में हो सकती है कुछ देरी करीब 1 लाख 45 हजार बूथ अध्यक्षों से शुरू किया संवाद, कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारी भारतीय जनता पार्टी ने शुरू कर दी है. बीजेपी ने सूबे में करीब एक लाख 45 हजार बूथों पर प्राथमिक इकाइयों का गठन किया है. इन बूथ अध्यक्ष के साथ बीजेपी ने संवाद का सिलसिला भी शुरू कर दिया है और उनके साथ कोरोना संक्रमण के बीच सेवा व राहत कार्यों के साथ संगठनात्मक सक्रियता बनाए रखने का संदेश भी दिया है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल सहित पार्टी के अन्य दिग्गज नेताओं ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बूथ अध्यक्षों से वीडियो कॉल के माध्यम से संवाद का सिलसिया शुरू किया, जो 14 मई तक चलेगा. बीजेपी नेताओं ने प्रदेश के एक लाख 45 हजार बूथ कमेटियों के अध्यक्षों से हालचाल जानने के साथ स्थानीय गतिविधियों की जानकारी भी लेने का काम कर रहे हैं।
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने झांसी महानगर के कार्यकर्ताओं से सबसे पहले संवाद किया है. वहीं, पार्टी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने लखनऊ महानगर, महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने शामली और अमरोहा के बूथ अध्यक्षों से संपर्क किया है. इस दौरान बीजेपी नेताओं ने पार्टी द्वारा चलाये जा रहे सेवा अभियान में बूथ स्तरीय कार्यकताओं की भूमिका और योगदान की सराहना की, साथ ही साथ जमीनी हकीकत का फीडबैक भी लिया।
यहाँ ये भी बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतों के मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल आगामी 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. इसी क्रम में अगले साल 13 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष और 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होगा. हालांकि, कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते यूपी के पंचायत चुनाव में देरी हो सकती है, लेकिन सत्ताधारी बीजेपी ने जिस तरह से बूथ अध्यक्षों से बात का सिलसिला शुरू किया है. ऐसे में माना जा रहा है दिसंबर के आखिर या फिर अगले साल के शुरुआत में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं।
हालांकि कोरोना संक्रमण को लेकर सूबे में आगामी जून-जुलाई में स्थितियां सामान्य होने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में अगस्त और सिंतबर के दो महीनों में पंचायतों का परिसीमन में समय लग सकता है. इसके अलावा जिन ग्राम पंचायतों का पिछले 5 वर्षों में शहरी निकायों में विलय हुआ है उनको हटाकर अब ऐसी पंचायतों के नए सिरे से वार्ड भी तय होने हैं. इसके बाद अक्टूबर में वोटर लिस्ट का विस्तृत पुनर्निरीक्षण शुरू होगा जिसमें तीन महीने का समय लग सकता है. इसी तरह से साल के आखिर या फिर अगले साल की शुरुआत में चुनाव की संभावना बन सकती है।
इसी के मद्देनजर बीजेपी ने अपनी प्राथमिक इकाई से संवाद के जरिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों की हालतों का भी जायजा लेना शुरू कर दिया है. कोरोना महामारी के दौरान पार्टी की तरफ से किए गये राहत कार्यो का पार्टी पंचायत चुनाव में फायदा उठाने की जुगत में है. इसीलिए बूथ अध्यक्षों से लेकर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है।
पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा बूथ अध्यक्षों से उनके क्षेत्र में लॉकडाउन का पालन पूरी तरह हो रहा है या नहीं, इस बात का भी अपडेट लिया जा रहा है और उनके क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की वर्किंग कैसी है. गरीबों तक राशन, उनके बैंक खातों में पैसे पहुंच रहे हैं कि नहीं.इसके अलावा गरीबों के राशन कार्ड के फार्म भरे जा रहे हैं या नहीं, इनकी जानकारी ली जा रही है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के द्वारा प्रदेश संगठन ने सभी कार्यकर्ताओं और अध्यक्षो को निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना महानारी के बीच परेशान लोगों से ज्यादा से ज्यादा फोन पर और सुरक्षा के साथ सम्पर्क मे रहें ताकि उन्हें पार्टी की सोच और प्राथमिकताओं से जुड़ाव हो सके. बीजेपी अपने इस अभियान से सीधा फायदा आने वाले पंचायत चुनावों में उठाना चाहती है।